क्रिमिनल लॉयर कैसे बने ? योग्यता, सैलरी, शिक्षा की जानकारी हिंदी में

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Criminal Lawyer In Hindi: क्या आपको लगता है कि आप ना सिर्फ स्पष्ट बल्कि लोगों को यकीन दिलाने वाले लहज़े में बोल सकते हैं? क्या आप आमतौर पर अपराध से संबंधित उपन्यास बहुत ज़्यादा पढ़ते हैं? क्या आप अपराधियों और पीड़ितों के इंटरव्यू लेने में दिलचस्पी रखने वाले इंसान हैं? क्या आप ऐसे इंसान हैं जो गलत आरोप में फंसे लोगों या पीड़ितों को इंसाफ दिलाना चाहता है? क्या आप चाहते हैं कि आपका काम चुनौतीपूर्ण और आकर्षक हो? क्या आपको लगता है कि आप इंसाफ दिलाने के लिए अपनी विशेषज्ञता और पक्के इरादे के दम पर न्यायिक प्रणाली को बदल सकते हैं? अगर इन सभी सवालों का जवाब हाँ में है, तो आप क्रिमिनल लॉयर (How to become criminal Lawyer In Hindi) जैसा दिलचस्प करियर चुन सकते हैं। चलिए देखते हैं कि यह कैसे होगा।

क्रिमिनल लॉयर का मुख्य काम और जिम्मेदारियाँ

  • अदालत में क्लाइंट का प्रतिनिधित्व करना और उनके हित में कार्य करना।
  • जांच के निष्कर्षों का विवरण देने वाली रिपोर्ट तैयार करना।
  • संगठित अपराध, सार्वजनिक भ्रष्टाचार, वित्तीय अपराध, कॉपीराइट का उल्लंघन, नागरिक अधिकारों का उल्लंघन, बैंक डकैती, जबरन वसूली, अपहरण, और राज्य क़ानूनों (वैधानिक निकाय द्वारा लिखित कानून) के अन्य उल्लंघन की जाँच करना।
  • संदिग्धों और गवाहों से सवाल-जवाब और अवलोकन करके या रिकॉर्ड का विश्लेषण करके सबूत हासिल करना और सत्यापित करना।
  • क़ानून तोड़ने के चार्ज, शिकायतों या आरोपों के उल्लंघन के विश्लेषण के आधार पर केस के मुद्दों और इसके लिए ज़रूरी सबूतों की पहचान करना।
  • अपने निष्कर्षों का मूल्यांकन करना और केस के लिए रणनीति और तर्क विकसित करना।
  • मुकदमे की योजना बनाने के लिए न्यायाधीश और वकीलों की बैठक के दौरान प्रतिवादी या उनके वकीलों के साथ दलील वार्ता करना।
  • गिरफ्तार संदिग्धों के बारे में भौतिक जानकारी इकट्ठा करना और रिकॉर्ड करना, जिसमें उंगलियों के निशान, ऊंचाई, वजन और तस्वीरें शामिल हैं।
  • अपने कानूनी ज्ञान का इस्तेमाल करके और कानूनी नजीर की मदद से किसी केस के संभावित नतीजों का विश्लेषण करना।
  • संविधान का अध्ययन करना और न्यायिक और अर्ध-न्यायिक निकायों दोनों के अध्यादेशों (ऑर्डिनेंस), संविधि/क़ानून, विनियमों और न्यायिक फैसलों पर अपडेट रहना।
  • अदालत में कानूनी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करने या उन पर साइन करने से पहले सावधानी से सभी दस्तावेज़ों की प्रासंगिकता और सटीकता की जांच करना।

क्रिमिनल लॉयर कैसे बने ? How to become criminal Lawyer

किसी भी विषय से कक्षा 10 – किसी भी स्ट्रीम से कक्षा 11-12 – 5 साल का एकीकृत (इंटीग्रेटेड) लॉ कोर्स (B.A. LLB/B.Com LLB/ B.Sc. LLB/BBA LLB)

How to become criminal Lawyer

अपनी माध्यमिक स्तर की स्कूली पढ़ाई (कक्षा 10) पूरी करने के बाद आप किसी भी स्ट्रीम में अपनी उच्च माध्यमिक स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं। फिर आप 5 वर्षीय एकीकृत (इंटीग्रेटेड) लॉ कोर्स यानी B.A. LLB/B.Com LLB/ B.Sc. LLB/BBA LLB कर सकते हैं। इसके अलावा, आप क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता के साथ LLM में पोस्ट-ग्रेजुएशन कर सकते हैं। अगर आप भारत में लॉ की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो आपको स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण करवाना होगा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) उत्तीर्ण करनी होगी।

किसी भी विषय से कक्षा 10 – किसी भी स्ट्रीम से कक्षा 11-12 – किसी भी विषय में बैचलर डिग्री – LLB

become criminal Lawyer in hindi

कक्षा 10 की पढ़ाई पूरी करने के बाद आप किसी भी स्ट्रीम में अपनी उच्च माध्यमिक स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं। फिर आप किसी भी विषय में बैचलर डिग्री (ग्रेजुएशन) ले सकते हैं और फिर 3 साल का LLB कोर्स कर सकते हैं। उसके बाद आप क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता के साथ 2 साल के LLM कोर्स के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। अगर आप भारत में लॉ की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो आपको स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण करवाना होगा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) उत्तीर्ण करनी होगी।

किसी भी विषय से कक्षा 10 – किसी भी स्ट्रीम से कक्षा 11-12 – 5 साल का एकीकृत (इंटीग्रेटेड) लॉ कोर्स (B.A. LLB/B.Com LLB/ B.Sc. LLB/BBA LLB) – क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता के साथ LLM

क्रिमिनल लॉयर कैसे बने ? योग्यता, सैलरी, शिक्षा की जानकारी हिंदी में

कक्षा 10 की पढ़ाई पूरी करने के बाद आप किसी भी स्ट्रीम में अपनी उच्च माध्यमिक स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं। फिर आप किसी भी विषय में बैचलर डिग्री (ग्रेजुएशन) ले सकते हैं और फिर 3 साल का LLB कोर्स कर सकते हैं। उसके बाद आप क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता के साथ 2 साल के LLM कोर्स के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। अगर आप भारत में लॉ की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो आपको स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण करवाना होगा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) उत्तीर्ण करनी होगी।

क्रिमिनल लॉयर के लिए शैक्षिक योग्यता

आपको लॉ में स्नातक की डिग्री लेनी चाहिए या तो 5 साल का B.A./B.Com./B.Sc./B.B.A  LL.B. कोर्स या 3 साल का LL.B. कोर्स ( 3 साल की ग्रेजुएशन की डिग्री के बाद 3 साल का LL.B. कोर्स किया जा सकता है)। आप अपनी विशेषज्ञता तौर पर क्रिमिनल लॉ चुनकर लॉ में मास्टर डिग्री ले सकते हैं। आप लॉ डिग्री हासिल करने के बाद स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण करवा कर बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) उत्तीर्ण कर के लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। अगर आप एक प्रोफेसर बनना चाहते हैं, तो आप आगे मास्टर्स या डॉक्टरेट की डिग्री की पढ़ाई कर सकते हैं।

न्यूनतम शिक्षा की आवश्यकताअधिकतम शिक्षा की आवश्यकता
Undergraduate Degree / Honours Diploma / Graduate Diploma (equivalent to a Degree) Programs for which the minimum eligibility is a pass in Higher Secondary / Class XII School Leaving examination.Postgraduate Degree / Diploma / Certificate Programs for which the minimum eligibility is a pass in Graduation/equivalent Diploma program like Honours Diploma or Graduate Diploma.

क्रिमिनल लॉयर में रोज़गार के अवसर

लॉ डिग्री के साथ अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद, आपको नीचे बताई गई जगहों या लोगों के साथ काम करने का मौका मिला सकता है:

  • आप एक वरिष्ठ वकील के यहाँ जूनियर के तौर पर काम कर सकते हैं, जो केस फाइल, रिसर्च, प्रेजेंटेशन तैयार करने, कोर्ट में केस फाइल करने आदि में उनकी मदद करता है।
  • किसी लॉ फर्म या सॉलिसिटर की फर्म में जूनियर सॉलिसिटर या समान पद पर काम कर सकते हैं। यहां भी आप केस फाइल , रिसर्च, प्रेजेंटेशन तैयार करने, कोर्ट में केस फाइल करने आदि में वरिष्ठ वकीलों की मदद करेंगे।
  • आप किसी मैनेजमेंट कंसल्टिंग या वित्तीय परामर्श फर्म में काम कर सकते हैं जहाँ कानूनी सलाह की ज़रूरत होती है। यहां भी आप वरिष्ठ वकीलों की मदद करने का काम करेंगे।
  • रक्षा बल (डिफेंस फोर्स) या सरकारी कानूनी कार्य या विभागों में काम कर सकते हैं।

अगर आप स्वतंत्र तौर पर या किसी फर्म, कंपनी या अन्य संगठनों की ओर से प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो तो आपको स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण करवाना होगा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) उत्तीर्ण करनी होगी। किसी वरिष्ठ वकील के अंडर में या किसी फर्म के साथ 8-10 साल काम करने के अनुभव के बाद ही स्वतंत्र प्रैक्टिस करने की सलाह दी जाती है।

क्रिमिनल लॉयर का क्या कार्य होता है ?

एक क्रिमिनल लॉयर अदालत में किसी पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उस पक्ष को देश के विभिन्न आपराधिक क़ानूनों और नियमों के तहत इंसाफ मिले। ऐसे कानून जो ऐसे किसी भी आचरण या व्यवहार को रोकते हैं जो खतरनाक, हानिकारक माना जाता है और जो देश के आपराधिक कानून के हिसाब से समाज की सुरक्षा, स्वास्थ्य और नैतिक कल्याण को खतरे में डालता है। इस तरह के कानून आरोपियों की पहचान करने, दोषियों को सुधारने, पीड़ितों को इंसाफ देने और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए लागू किए जाते हैं।

एक क्रिमिनल लॉयर के तौर पर आप एक वादी (कोई व्यक्ति या संगठन जो किसी देश के आपराधिक अधिनियमों के तहत किसी दूसरे व्यक्ति या संगठन पर मुकदमा दायर करता है) या अभियोजन पक्ष (सरकार और पुलिस बल) का प्रतिनिधित्व कर सकता है या अगर किसी बचाव पक्ष (वह व्यक्ति या संगठन जो अभियुक्त है या जिस पर आरोप लगाया गया है) को गलत तरीके से फँसाया गया है या उसने कुछ विशेष परिस्थितियों (जैसे कि खुद का बचाव करने में किसी की हत्या कर देना और अनजाने में हुई कोई छोटी दुर्घटना) में अपराध किया है तो आप उस पक्ष को आरोपों या चार्ज से बचाने और इंसाफ दिलाने के लिए उसे सलाह दे सकते हैं या उसका प्रतिनिधित्व भी कर सकते हैं।

एक क्रिमिनल लॉयर के तौर पर आप व्यक्तियों के खिलाफ अपराध, यौन अपराध, संपत्ति के खिलाफ अपराध, न्याय के खिलाफ अपराध, जानवरों के खिलाफ अपराध, और राज्य के खिलाफ अपराध जैसे कई तरह के मामले देखेंगे। ऐसे कई आपराधिक मामले – साजिश, धोखाधड़ी, हमला, हत्या, हत्या, चोरी, डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी, इंसानों की तस्करी, घरेलू हिंसा, औरतों के खिलाफ अपराध से जुड़े होते हैं।

एक क्रिमिनल लॉयर के लिए कड़ी मेहनत परिश्रम करना, ट्रायल में प्रैक्टिस करना और अनुभव हासिल करना बहुत ज़रूरी है। ट्रायल केस सिर्फ जिला अदालतों, निचली अदालतों या मजिस्ट्रेट अदालतों में चलाए जाते हैं और क्रिमिनल लॉ में प्रैक्टिस के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

करियर की शुरुआत में आप केस फाइल करने, व्यापक जांच करने, पुलिस थानों और जेलों का दौरा करने, गवाह से बयान लेने, अदालत में दलीलों और समावेदन को दर्ज करने के साथ-साथ ट्रायल आदि की अगुआई करने में शामिल होंगे। जैसे-जैसे आप ज़्यादा से ज़्यादा अनुभव हासिल करेंगे, आप एक न्यायाधीश के समक्ष कोर्ट में अपने क्लाइंट के पैरवी करना शुरू कर देंगे।

क्रिमिनल लॉ की प्रैक्टिस करने के लिए, आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए, जो कि आपराधिक कानून, CRPC (दंड प्रक्रिया संहिता) के सभी कार्यात्मक पहलुओं को कवर करने वाली संहिता है, जो अपराध की जांच, अपराधियों की जिरह, सबूतों का इकट्ठा करने, आरोपी इंसान के अपराध और बेक़सूरी का पता लगाने के लिए एक उचित प्रणाली प्रदान करती है। एक वकील के तौर पर आपको क्रिमिनल लॉ के तहत एक और महत्वपूर्ण पहलू की जानकारी होनी चाहिए और वह है साक्ष्य अधिनियम – जो कि नियमों का एक समूह है जो अदालत में पेश किए गए सबूतों पर लागू होते हैं।

क्रिमिनल लॉयर का कमाई

अगर आप किसी सीनियर वकील या स्थापित लॉयर के जूनियर के तौर पर काम करते हैं, तो आपको मेहनताना मिल भी सकता है या नहीं भी मिल सकता है। वेतन आमतौर पर हर महीने 5, 000 – 15,000 के बीच होता है।

अगर आप किसी सॉलिसिटर फर्म/लॉ फर्म में जूनियर लॉयर के तौर पर जुड़ते हैं, तो आपका महीने का औसत वेतन लगभग 5, 000 – 15,000 रुपये होगा।

आप किसी कानूनी परामर्श देने वाली फर्म में काम करने वाले असिस्टेंट के तौर पर महीने में लगभग 35, 000 – 1, 00,000 रुपये कमा सकते हैं। प्रमुख लॉ स्कूलों से ग्रेजुएशन करने वालों को अच्छा वेतन दिया जाता है।

किसी सार्वजनिक / निजी क्षेत्र की कंपनी में लीगल एग्जीक्यूटिव के तौर पर आप महीने में लगभग 35, 000 – 60,000 रुपये कमा सकते हैं।

जब आप 8-10 सालों के अनुभव वाले प्रैक्टिस करने वाले लॉयर बन जाते हैं, तो आपकी महीने की औसत आमदनी 50, 000 – 4, 00,000 रुपये या इससे ज़्यादा हो सकती है। 15-20 साल के अनुभव के बाद, आप हर महीने 70, 000 – 30, 00,000 रुपये कमा सकते हैं। अगर आप किसी राज्य में एक छोटे सेशन कोर्ट के लिए काम करते हैं, तो आपकी महीने की न्यूनतम कमाई 70, 000 रुपये होगी, और अगर आप देश की किसी मशहूर लॉ फर्म के लिए काम करते हैं, तो आप 30, 00,000 रुपये या इससे ज़्यादा कमा सकते हैं। 25 साल के अनुभव के बाद, आप हर महीने 1, 00,000 – 1, 50, 00,000 रुपये या इससे ज़्यादा कमाने की उम्मीद कर सकते हैं।

अगर आप रक्षा बलों (डिफेंस फोर्स) में या राज्य / केंद्र सरकार के लिए एक लीगल एग्जीक्यूटिव / एसोसिएट के तौर पर काम करते हैं, तो आपका शुरुआती वेतन हर महीने लगभग 65, 000 और उच्चतम मासिक वेतन 2,50,000 रुपये होगा।

भविष्य की संभावनाएँ (फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स)

भारतीय कानूनी सेवाओं में विकास की उम्मीद है क्योंकि ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट के साथ सहयोग स्थापित करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रही हैं। भारत वर्तमान में 6, 00,000 से ज़्यादा वकीलों के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लीगल प्रोफेशनल मार्केट है। कुल 1200 से ज़्यादा लॉ स्कूल, और हर साल लगभग 70,000-80,000 एनरॉलमेंट की वजह से, आगामी सालों में भारत में कानूनी सेवाओं में काफी अच्छे विकास की संभावनाएं नज़र आ रही हैं। लीगल आउटसोर्सिंग में इनफ्लो और आउटफ्लो दोनों ही लॉ प्रैक्टिस को बदल रहे हैं क्योंकि लॉ फर्म और कॉरपोरेट लीगल डिपार्टमेंट, लागत कम करने की  तकनीक, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने और घरेलू क्षमताओं के विस्तार की ओर देख रहे हैं। वैश्वीकरण और कानूनी क्षेत्र में अंदरूनी और बाहरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के कारण कुशल और योग्य लॉयर्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।

क्या दिव्याँग व्यक्ति क्रिमिनल लॉयर बन सकता हैं

निम्नलिखित विशेष योग्यता वाले लोग इस करियर को आगे बढ़ा सकते हैं:

  • हल्के शारीरिक विकलांगता
  • कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति
  • मस्तिष्क पक्षाघात
  • बौनापन
  • एसिड अटैक विक्टिम
  • कम दृष्टि
  • सुनने में दिक्कत
  • अंधापन
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